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योजना का विवरण

ऐसे संगठन जो अनुसूचित जाति के बच्चों की शिक्षा में गहरी रूचि लेते हैं और प्राइमरी पाठशालाओं को संचालित कर शिक्षा देते हैं, उन्हें शासन की वित्तीय स्थिति तथा नीतियों के अनुसार आवर्तक अनुदान दिया जाता है। अनुदान के लिए स्वैच्छिक संगठनों द्वारा संचालित विद्यालयों में इस बात का विशेष ध्यान दिया जाता है कि इसमें अनुसूचित जाति के छात्रों की संख्या 50 प्रतिशत से कम न हो। वर्तमान में इन विद्यालयों की कुल संख्या-584 है। शासनादेश संख्या-2547/26-2-2017 दिनांक 05-10-2006 द्वारा निजी प्रबन्धाधिकरण द्वारा संचालित प्राइमरी स्कूलों को आवर्तक अनुदान दिये जाने की नीति समाप्त कर दी गयी है।

आवर्तक अनुदान प्राप्त प्राइमरी पाठशालाओं में अनुमन्य अध्यापकों के लिए विभाग द्वारा निर्धारित वेतनमान के अनुसार वेतन के समतुल्य धनराशि प्रत्येक वर्ष आवर्तक अनुदान के रूप में प्रदान की जाती है।